भोपाल। छोटी छोटी कहानियां और समाज को झकझोर देने वाले, सोचने पर मजबूर करने वाले और भविष्य के लिए एक सीख देने वाले संदेश… ये गागर में सागर संजोने जैसा है। लघु कथाकार समाज को हमेशा आईना दिखाने का कार्य करते आए हैं। देवेंद्र काशिव का इस कड़ी का नया संस्करण प्रतिबिंब भी समाज को एक नई सोच, दिशा, प्रवाह देने का काम करेगा, इसकी उम्मीद की जाना चाहिए। सांसद शंकर लालवानी ने ये बात कही।
वे अखिल भारतीय लघु कथा अधिवेशन में विचार प्रवाह साहित्य के मंच पर बात कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने धार के वरिष्ठ साहित्यकार देवेंद्र काशिव के लघुकथा संग्रह प्रतिबिंब का विमोचन किया। कार्यक्रम में मप्र साहित्य अकादमी के निदेशक विकास जी दवे एवं महाराष्ट्र साहित्य अकादमी के पूर्व निर्देशक अश्विन खरे आदि मौजूद थे।
इन्हीं आंगन से निकलना है समाज की भावी पीढ़ी : मसूद
भोपाल। आंगनवाड़ियों की क्यारियों में सजने वाले छोटे-छोटे फूल और कलियां कल समाज की बगिया को महकाने वाली हैं। इनकी खिदमत, सेवा और देखरेख में लगी रहने वाली बहनें सम्मान की पात्र हैं। इनकी सहूलियत का ख्याल रखना हम सभी का फर्ज भी है और जिम्मेदारी भी।
मध्य विधायक आरिफ मसूद ने यह बात कही। वे सोमवार को राजधानी के 12 नंबर स्टॉप क्षेत्र में अपनी विधानसभा की आंगनवाड़ियों की कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बीच मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने आंगनवाड़ियों के लिए अलमारी, टेबल कुर्सी, वॉटर कूलर, दरी आदि भेंट की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और क्षेत्रीय महिलाएं मौजूद थीं। इस मौके पर मसूद ने कहा कि इससे पहले जब वे आंगनवाड़ी में भ्रमण करने हुए थे, तो वहां देखा कि बच्चों के लिए पोषण आहार संचय हेतु कंटेनर नहीं थे, बाल्टियों में पोषण आहार रखा जाता था।
उस समय उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बहनों से बात कर उनकी समस्या सुनी और धनतेरस के अवसर पर आंगनवाड़ियों को पोषण आहार संचय हेतु स्टील के कन्टेनर्स भेंट किए थे। उसके बाद आंगनवाड़ियों में अलमारी, टेबल, कुर्सी, वाटर कूलर, दरी की अति आवश्कता थी। जिसको ध्यान में रखते हुए आज उन्होंने अपने पास से निशुल्क सामग्री वितरण की। मसूद ने कहा कि ये मदद नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। छोटी छोटी खुशी से बड़ा संसार सजाया जा सकता है।