भोपाल। राजधानी भोपाल के बाजारों में पार्किंग आज सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। खास कर पुराने शहर के बाजार में, यहां पर्याप्त पार्किंग नहीं है। जो पार्किंग स्थल है, वहां पहले से अतिक्रमण है। इसलिए व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज शीघ्र ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शीघ्र मिलेंगे।
सरकार से व्यवस्थित पार्किंग की मांग करेंगे कि पुराने शहर में जितनी पार्किंग हैं उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। इसके अलावा स्मार्ट सिटी एरिया में व्यापारियों को जगह देने की मांग भी की गई है। यह बात व्यापारियों की शीर्ष संस्था भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की अध्यक्ष तेजकुल पाली ने कही। उन्होंने बताया कि बुधवार को चेंबर कार्यकारिणी ने सफलता पूर्वक एक साल पूरा किया।
बाजारों में पार्किंग कम है-
अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया कि बाजारों में पार्किंग कम है। इनमें भी अतिक्रमण हो चुका है। इसे हटाया जाना चाहिए। हमने भी 4 से 5 जगह देखी है। जिन पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा सकती है। ताकि, ग्राहक और व्यापारी दोनों को ही परेशानी न हो। पुराने शहर में पार्किंग की समस्या होने से व्यापार प्रभावित होता है, जबकि पुराने शहर के बाजारों में सबसे अच्छा और सबसे सस्ता सामान मिलता है।
भोपाल में भी समिट करवाए जाने की मांग-
इंदौर की तरह भोपाल में भी ग्लोबल समिट हो। महामंत्री आदित्य जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में ग्लोबल समिट अब तक इंदौर में ही होती है। आगे से भोपाल में भी समिट करवाए जाने की मांग करेंगे। सरकार ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करें, जिससे समिट यहां हो सके। अध्यक्ष पाली ने कहा कि भोपाल को व्यापार में नंबर वन बनाएंगे।
भारी भरकम पैनाल्टी की वजह से व्यापारी परेशान-
जीएसटी कंसलटेंट मुनिंद्र वैध, मनीष सोगानी, जयंत डागा, कोषाध्यक्ष कृष्णकुमार बांगड़, कार्यकारिणी सदस्य संजीव जैन, अजय देवनानी आदि ने बताया कि सरकार का बजट व्यापारियों के हित में हो। जीएसटी और आयकर से जुड़े मामलों में व्यापारियों को राहत दी जाए। कई वस्तुओं पर वैट लग रहा है। जब जीएसटी दे रहे हैं तो वैट क्यों दें? टैक्स में रिलीफ मिले। आयकर प्रक्रिया में कई जटिलताएं हैं। जिन्हें दूर किया जाए। भारी भरकम पैनाल्टी की वजह से व्यापारी परेशान होते हैं। इससे भी राहत दी जाए।
हर साल 500 व्यापारिक सदस्य चेंबर से जोड़ेंगे-
अध्यक्ष पाली ने बताया कि पिछले एक साल में चैंबर से जुड़ने वाले व्यापारियों का आंकड़ा साढ़े 4 हजार के पार पहुंच चुका है। हर साल 500 व्यापारिक सदस्य चेंबर से जोड़ेंगे। ऑनलाइन कंपनी की वजह से छोटे व्यापारियों का बिजनेस सिकुड़ रहा है। इसे लेकर भी सरकार के सामने पक्ष रखेंगे।