भोपाल। पुलिस का सूत्र है जनसेवा। राजधानी पुलिस इस सूत्र पर पूरी तरह खरी और सच्ची साबित हो ये हमारा प्रयास है। बुरा करने वाले या सोचने वाले पुलिस से खोफ खाएं और इन कर्मों से बचें, ये हमारी मंशा है। आमजन सुकून और राहत से जीवन यापन करें, इस धारणा के साथ हम काम आगे बढ़ाएंगे।

भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बुधवार को अपना चार्ज संभाल लिया। उन्होंने अपनी आमद के साथ अपराधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि गुंडे-बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस आम लोगों के प्रति संवेदनशील नजर आएगी।

भोपाल में भी चलेगा गुंडा अभियान

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने चार्ज संभालने के बाद अधिकारियों के साथ शहर की कानून व्यवस्था की जानकारी ली। हरिनारायणचारी मिश्र 2003 बैच के आईपीएस अफसर हैं। मिश्र इंदौर पुलिस कमिश्नर रहे हैं। इंदौर में भू-माफिया के घर गिराने जैसे बड़े कदम उठा चुके हैं। वे इससे पहले ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट और खंडवा में एसपी रह चुके हैं। इंदौर एएसपी, महू एसडीओपी और राज्यपाल के एडीसी भी रहे हैं। गौरतलब है कि गृह विभाग ने 16 मार्च को इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र को भोपाल, भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर को इंदौर पदस्थ करने का आदेश जारी किया था।

भू माफियाओं पर बरसाया कहर

हरिनारायणचारी मिश्र ने इंदौर डीआईजी रहते हुए भू-माफिया और अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने वाले बदमाशों के मकान तोड़ने का बड़ा कदम उठाया था। इससे इंदौर के कई भू-माफिया नदारद हो गए और कई गुंडों के मकान ध्वस्त हो गए। मिश्र के इस प्रयोग को प्रदेश के कई पुलिस अधिकारियों ने अपनाया।

रेलवे अधिकारी भी रहे मिश्र

सीवान के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले हरिनारायणचारी मिश्र 2003 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 1998 में पीसीएस की परीक्षा पास की। उत्तर प्रदेश में ट्रेजरी अधिकारी बने। सेवा देने के दौरान सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी जारी रखी। 2001 में आईआरटीएस पास कर रेलवे अधिकारी बन गए। रेलवे की नौकरी करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की। इसके बाद अगले साल यानी 2002 में यूपीएससी की परीक्षा दी। 2003 में आए परीक्षा परिणाम में वे आईपीएस बन गए। उन्हें मध्यप्रदेश राज्य का कैडर मिला।