वंसदा। पीएम मोदी की फोटो फाड़ना एक कांग्रेस विधायक को भारी पड़ गया है। वंसदा सीट से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल पर 12 मई 2017 में नवसारी कृषि यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान कुलपति के कमरे में घुसकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर फाड़ने का आरोप था। मामले में नवसारी की एक अदालत ने अनंत पटेल पर 99 रुपए का जुर्माना लगाया है। अगर पटेल 99 रुपए नहीं देंगे, तो उन्हें 7 दिन जेल भी जाना पड़ सकता है।
सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने के दोषी
पटेल पर जज वीए धधल ने विधायक पटेल को सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने के लिए कुलपति के कमरे में जबरन घुसने का दोषी पाया। पटेल के अलावा थराद से कांग्रेस के पूर्व विधायक गुलाबसिंह राजपूत, युवा कांग्रेस नेता पीयूष ढीमर और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पार्थिव काठवाड़िया के खिलाफ 2017 में जलालपुर में केस दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने कहा- जुर्माना तो 500 का है, लेकिन विधायक का मकसद अच्छा था
अदालत ने कहा, ‘‘इस क्राइम के लिए 3 महीने की कैद और 500 रुपए जुर्माने की सजा दी जाती है। लेकिन विधायक स्टूडेंट्स का सपोर्ट करने के लिए एक अच्छे मकसद से यूनिवर्सिटी गए थे। हां, उनका तरीका सही नहीं था इसलिए उन्हें सजा देने की जरूरत नहीं है। केवल जुर्माना लगाकर रिहा करना सही होगा, ताकि भविष्य में लोग भीड़ में पनपने वाली ऐसी मानसिकता से दूर रहेंगे।‘‘
2017 को फाड़ी थी पीएम मोदी की फोटो
घटना 12 मई 2017 को हुई थी, जहां स्टूडेंट फॉरेस्ट और बीट गार्ड पोस्ट पर भर्ती के लिए नॉन फॉरेस्ट्री सब्जेक्ट्स वाले स्टूडेंट्स को लेने का विरोध कर रहे थे। वंसदा नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने गुलाबसिंह राजपूत अन्य लोगों के साथ जबरदस्ती कुलपति सीजे डोगरिया के ऑफिस में घुसे और अधिकारी को धमकाया था। यहीं पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटी फाड़ी गई थी।
इन सभी पर 31 अगस्त 2019 को आरोप तय किए गए थे। लेकिन इसका फैसला 27 मार्च 2023 को आया। सोमवार को पीयूष ढीमर, अनंत पटेल, पार्थिव काठवाड़िया और गुलाबसिंह राजपूत को दोषी ठहराया गया। बाकी आरोपियों में से रजीत पानवाला, नेहल पटेल और यश देसाई को 15,000 रुपए की जमानत पर बरी कर दिया।
इन धाराओं के तहत जुर्माना लगाया गया
आईपीसी की धारा 143- गैरकानूनी सभा, आईपीसी की धारा 353- हमला, आईपीएस की धारा 447- आपराधिक अतिचार या हद पार करना, आईपीसी की धारा 504- जानबूझकर अपमान, आईपीसी की धारा 186- सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना।